चेले और शागिर्द

शुक्रवार, 25 मई 2012

मध्यावधि- चुनाव कौन चाहता है ?


मध्यावधि- चुनाव कौन चाहता है ?

जनता...नहीं केवल अवसरवादी विपक्षी दल .


जिनके लिए है 


राजनीति खिलता हुआ कमल ;


जनता को पता है 


ये है दलदल 


जिसमे कोई भी हो दल 


जनता के साथ करता है छल ;


समस्याओं को सुलझाने में 


रहते हैं विफल ;


हर काम को टाल देते हैं 


आज नहीं कल

 ,
फिर चुनावों के लिए 


क्यों हो रहे विकल ;


शायद लग जाये लॉटरी 


और खटारा गाड़ी भी 


इस बार धक्के देकर 


जाये निकल 

.
shikha kaushik

शुक्रवार, 11 मई 2012

काला धन न सफ़ेद हुआ बाबा के बाल सफ़ेद !


[ अमर  उजाला  दैनिक 11 मई  2012 पेज  11 ]
  काला  धन  न  सफ़ेद हुआ  बाबा  के  बाल सफ़ेद  !


राजनीति की कोठरी   में  छिपे हुए हैं भेद ,
ऐसी छलनी में क्या छने जिसके हो छोटे  छेद ,
काले  धन को लेकर बाबा को है बड़ा खेद  ;
इस चक्कर  में हो  गए  उनके  बाल  सफ़ेद  .

                              शिखा  कौशिक 

बुधवार, 2 मई 2012

दर्शन देना राज्य सभा में ''क्रिकेट के भगवान् ''


बाल  ठाकरे ने  दिया इसे ''डर्टी पिक्चर'' नाम ;
 रामदेव   चिंतित हुए छोड़ा  योग  व्  ध्यान  ;
मगर हमारी  तरफ  से मुबारक  हो  सम्मान  ;
दर्शन देना राज्य सभा में ''क्रिकेट के भगवान् ''

                                               शिखा   कौशिक