चेले और शागिर्द

रविवार, 20 अप्रैल 2014

''भारतीयों के अच्छे दिन तो 15अगस्त1947से आ ही गए थे श्री मोदी''


BJP Election campaign Song- Modiji ko lane wale hain ache din aane

श्री मोदी आजकल  इतनी फेंक रहें हैं कि जनता के लिए लपेटना मुश्किल होता जा रहा है .आज  एक चुनावी सभा में उन्होंने  अपने द्वारा बोले  गए  झूठों  में एक और झूठ जोड़ते हुए कहा -'' भाईयों और बहनों -बीजेपी ने जिस दिन से मुझे पी.एम. पद का उम्मीदवार बनाया है उस  दिन से मेरे दिमाग  में चौबीस  घंटे बस यही घूमता है कि बेरोजगार युवकों की समस्या का हल कैसे हो ,किसानों की समस्या का हल कैसे हो ,बहन-बेटियों  को सुरक्षा व् सम्मान  कैसे मिले ,महगाई का हल कैसे हो ?और विपक्ष  के दिमाग में चौबीसों घंटे ये घूमता है कि मोदी का हल कैसे हो ?''  श्री मोदी के इस भाषण पर उनके समर्थकों ने तो ताली बजा दी पर श्री मोदी भारतीय जनता अब इतनी बेवकूफ भी नहीं है कि ये न समझ सके कि जिस दिन से आपको पी.एम. पद का उमीदवार बनाया गया है उस दिन से आपके दिमाग में क्या घूम रहा ? निश्चित रूप से उस दिन के बाद से आपने सबसे पहले आडवाणी जी का ''वेटिंग पी.एम.'' का ख्वाब तोड़ डाला  फिर अपनी कूटनीति चलते हुए वरिष्ठ भाजपाइयों को एक एक कर पार्टी-अनुशासन के नाम पर मूक-बधिर बनाने का कार्य किया .अपने लिए सुरक्षित सीट ढूंढी और हरेन पंड्या व् मुरली मनोहर जोशी जी को उनकी सुनिश्चित सीट से बेदखल कर दिया .जसवंत सिंह जी को तो इतना अपमानित किया गया कि बाड़मेर सीट के लिए उनके नाम पर विचार ही नहीं किया गया .सुषमा जी को राष्ट्रीय  चुनावी स्क्रीन  से ही गायब कर दिया गया .आपने घंटों इस मुद्दे पर भी विचार किया होगा कि जसोदा बेन का नाम इस बार भी नामांकन -पत्र में भरें या नहीं .आपने इस मुद्दे पर भी घंटों बर्बाद किये होंगें कि मुसलमानों से मिलने पर हिन्दू-वोट बैंक तो प्रभावित नहीं होगा .आपने विज्ञापन ''देश नहीं झुकने दूंगा'' के लिए अभिनय करने में भी घंटों खर्च किये होंगें .कहने की बात नहीं है  कि'' आप के अनुसार आप तो पी.एम. बन ही चुके हैं'' तो घंटों इस पर भी विचार चल रहा होगा कि शपथ -ग्रहण के समय कौनसे रंग की जैकेट पहननी है .इतनी व्यस्तापूर्ण दिनचर्या के पश्चात आपके पास भारत की गरीब जनता की समस्याओं के हल ढूंढने का समय कहाँ बचा होगा ! श्री मोदी आप से सविनय निवेदन है कि अब आप फेकना बंद ही कर दें क्योंकि अब लपेटना दिनोदिन  मुश्किल होता जा रहा है .वैसे भी जनता आपके बहकावे में नहीं आने वाली है क्योकि वो जानती है कि उसके बुरे दिन नहीं चल रहे .ये तो आपके व् बीजेपी के दिन बुरे चल रहे है इसलिए  आप लोग 'अच्छे दिन आने वाले हैं '' कहकर अपने अच्छे दिन लाने का प्रयास कर रहे हैं .हम भारतवासियों के अच्छे दिन तो पंद्रह अगस्त सन सैतालिस से आ ही गए थे .

जय हिन्द ! जय भारत !

शिखा कौशिक 'नूतन '